सोमवार, 27 दिसंबर 2021

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एसजेवीएन की तीन परियोजनाओं का शुभारम्भ

सरकार ने एसजेवीएन की विशेषज्ञता में विश्वास रखा



संवाददाता

शिमला। प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी द्वारा एसजेवीएन की 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 और 66 मेगावाट धौलासिद्व जलविद्युत परियोजना की आधारशिला तथा 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का शुभारंभ किया गया। 

हिमाचल के मंडी में एक भव्य समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने शिमला और कुल्लू जिले में स्थित 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जलविद्युत परियोजना और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिले में स्थित 66 मेगावाट धौलासिद्व जलविद्युत परियोजना की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखी। मोदी ने  शिमला और मंडी में स्थित 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का भी शुभारंभ किया।

इस अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केन्द्रीय मंत्री सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे।

परियोजनाओं को एसजेवीएन द्वारा बिल्ड-ओन-आपरेट-मेंटेन (बूम) के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। लूहरी स्टेज-1जल विद्युत परियोजना और सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर और धौलासिद्व जल विद्युत परियोजना ब्यास नदी पर स्थित है। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा 210 मेगावाट की लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना के लिए 1810 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी गई। परियोजना को जनवरी 2026 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है। कमीशनिंग के उपरांत यह परियोजना सालाना 758.20 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी। 

शर्मा ने बताया कि लूहरी स्टेज-1 परियोजना की मुख्य विशेषता है कि परियोजना में 80 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण किया जाना है। बांध से दो मुख्य पेनस्टाक और दो सहायक पेनस्टाक क्रमशः 80 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों और 25 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेंगे। 

शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने 66 मेगावाट की धौलासिद्व जलविद्युत परियोजना की 687.97 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी है और इस परियोजना के लिए 21.6 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता भी प्रदान की गई है। शर्मा ने कहा कि धौलासिद्व परियोजना की मुख्य विशेषताओं में 70 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण होना है, जो क्रमशः 33 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेगा। शर्मा ने 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के बारे में संक्षिप्त रूप से बताते हुए कहा कि परियोजना की लागत 2614.51 करोड़ रुपए आंकी गई है और परियोजना के पूरा होने पर सालाना 1382 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन अनुमानित है। 

शर्मा ने कहा कि तीनों परियोजनाओं के निर्माण में कुल परिव्यय 5113 करोड़ रुपए सम्मलित है तथा देश की विद्युत क्षमता में सालाना 2444 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की बढोतरी होगी। शर्मा ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया कि मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण और प्रचालन में एसजेवीएन की अनुकरणीय विशेषज्ञता में विश्वास रखा है। 

एसजेवीएन जलविद्युत, थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और पावर ट्रांसमिशन में व्यावसायिक रुचि रखता है, जिसकी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में भी उपस्थिति दर्ज है।


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