गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

विद्युत विभाग एसएचजी के बजाए संविदागत आधार पर ले श्रमिकों से काम: मोर्चा

विद्युत विभाग एसएचजी के बजाए संविदागत आधार पर ले श्रमिकों से काम: मोर्चा    


   
             

# 8-10 हजार रुपए में जीवन डाला जाता है जोखिम में          

# रात में भी लाइन फाल्ट/मरम्मत करने को ली जाती हैं सेवाएं  #यूपीसीएल व सरकार दोनों हो चुके संवेदनहीन         

#करंट लगने व विद्युत दुर्घटना से होने वाली मौत पर मुआवजा है बहुत कम   

संवाददाता 

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं  जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि यूपीसीएल/ सरकार द्वारा सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) यानी ठेकेदार के माध्यम से मात्र 10-11 हजार रुपए में इन गरीब श्रमिकों से विद्युत लाइन फॉल्ट को दूर करने, अनुरक्षण व शट डाउन के दौरान भारी भरकम काम, विद्युत संयोजन करने व विच्छेदित करने आदि कई तरह का जोखिम भरा काम लिया जाता है तथा कई बार रात-रात भर जागकर ये श्रमिक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी करते हैं, लेकिन इनका भविष्य आज भी अधर में है।  प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं से हर प्रकार की लूट खसोट एवं भारी भरकम टैक्स पर टैक्स लगाने के बावजूद भी यूपीसीएल का भला नहीं हो पा रहा है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के गरीब श्रमिकों को मात्र 10-11 हजार देकर  उनका एवं उनके परिवार का भारी शोषण किया जा रहा है, जबकि इनका सरकारी तौर पर कोई भविष्य ही नहीं नहीं है यानी एक तरह से दिहाड़ी मजदूर हैं।     

नेगी ने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालने वाले श्रमिकों के भविष्य के लिए यूपीसीएल एवं सरकार द्वारा न कोई संविदा गत और न ही भविष्य में कोई स्थाई /संविदागत नौकरी की योजना अपनाई गई है,जोकि एक तरह से सरासर प्रदेश के गरीबों से बहुत बड़ा मजाक है।       

मोर्चा गरीब श्रमिकों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम करेगा।   

पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह भी मौजूद थे।

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