शनिवार, 22 जनवरी 2022

भारत स्वीडन के साब ग्रुप से एटी-4 एंटी टैंक हथियार खरीदेगा

 भारत स्वीडन के साब ग्रुप से एटी-4 एंटी टैंक हथियार खरीदेगा

200 मीटर की रेंज में दुश्मन के आर्मर्ड व्हीकल और बिल्डिंग को करेगा बर्बाद



एजेंसी

नई दिल्ली। भारत ने स्वीडन की कंपनी साब ग्रुप के साथ एंटी टैंक हथियार एटी-4 की खरीद का समझौता किया है। इस हथियार का इस्तेमाल भारतीय थल सेना और वायु सेना के एलीट कमांडो फोर्स करेगी। साब ग्रुप ने बयान जारी कर कहा है कि उसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एटी-4 हथियार का कान्ट्रैक्ट मिला है। इस हथियार का इस्तेमाल कोई भी सैनिक अकेले कर सकता है। साब ने दावा किया है कि उसका एटी-4 हथियार हेलीकाप्टर, आर्मर्ड व्हीकल और दुश्मन सैनिकों के खिलापफ अपनी क्षमता को साबित कर चुका है। वर्तमान में इस हथियार के अलग-अलग वैरिएंट का इस्तेमाल दुनिया के 30 से अधिक देश कर रहे हैं।

भारत ने इस हथियार के जिस माडल का आर्डर दिया है, उसका नाम एटी-4 सीएएस एएसटी है। इसमें एटी-4 इस हथियार के कैलिबर को दर्शाता है। इसमें 84एमएम कैलिबर की एंटी टैंक मिसाइल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सीएस का मतलब कनफाइंड स्पेस है। इसका हिंदी में अनुवाद सीमित जगह होता है। वहीं एटीएस का मतलब एंटी स्ट्रक्चर टेंडम वारहेड है।

एटी4 सीएएस एएसटी माडल की खरीद से संभावना जताई जा रही है कि वायुसेना में इस हथियार का इस्तेमाल गरुण कमांडो करेंगे। वहीं थलसेना में इसे जम्मू और कश्मीर में आतंकरोधी आपरेशन में जुटी राष्ट्रीय रायफल्स और एलीट कमांडो फोर्स पैरा कमांडो को सौंपा जाएगा। इसे एंटी टैंक मिसाइल जरूर कहा जाता है लेकिन यह वर्तमान के मार्डन टैंको के खिलाफ उतना प्रभावी नहीं है। क्योंकि इनके किसी भी कवच को भेदने की क्षमता काफी कम है। आधुनिक टैंको में एंटी रिएक्टिव आर्मर भी लगे होते हैं, जो ऐसे हथियारों को नाकाम बना सकते हैं।

यह हथिायार लाइट आर्मर्ड और मीडियम आर्मर्ड व्हीकल के खिलाफ काफी प्रभावी होगी। कुछ मामलों में यह नीचे उड़ान भर रहे हेलीकाप्टरों को भी निशाना बनाने में सक्षम है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में किसी दीवार को तोड़ने या किसी बिल्डिंग को निशाना बनाने में यह एटी-4 हथियार काफी प्रभावी है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एटी-4 को फायर करते समय लान्चर से पीछे की तरफ लगने वाला फोर्स काफी कम है। ऐसे में किसी छोटे कमरे से भी एटी-4 हथियार को लान्च कर सकता है, जबकि इसका प्रतिद्वंद्वी कार्ल गुस्ताव लान्चर काफी ताकतवर होता है। इस वजह से इसे किसी बंद कमरे से फायर करना खतरनाक हो सकता है।

एटी-4 हथियार का वजन 8 किलोग्राम के आसपास है। इसके जरिए फायर किए गए गोले की रफ्रतार 220 मीटर प्रति सेकेंड की है। एटी-4 एंटी टैंक हथियार की रेंज 200 से 500 मीटर तक की है। हालांकि इसकी प्रभावी रेंज 200 से 300 मीटर ही माना जाता है। इसके एक लान्चर से सिर्फ एक बार ही फायर किया जा सकता है। उसके बाद लान्चर बेकार हो जाता है। यह सेना के इस्तेमाल किए जाने वाले कार्ल गुस्ताव रायफल से काफी सस्ता है। 

एक बार फायर करने की क्षमता के कारण एटी-4 को काफी हल्का बनाया गया है। ऐसे में एक सैनिक इसके कम से कम तीन यूनिट को लेकर युद्व के मैदान में जा सकता है। ऐसे में इसका मैन्यूफैक्चरिंग कास्ट भी दोबारा इस्तेमाल होने वाले लान्चर्स की तुलना में कम होता है। इसमें गोले को गाइड करने के लिए कोई सिस्टम लगा हुआ नहीं है। इससे फायर करने पर किसी रायफल की गोली की तरह राकेट निकलता है और निशाने को हिट करता है।

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