शनिवार, 19 फ़रवरी 2022

 शराब के ब्रांड को लेकर चली 9 साल लड़ाई



शराब की बोतल पर ग्लेन शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, जब तक कि वो स्काटलैंड में न बनी हो

एजेंसी

एडिनबर्ग। ग्लेन शब्द को लेकर स्काच व्हिस्की एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए) और जर्मन डिस्टिलरी वाल्डहार्न के बीच चल रही 9 साल पुरानी कानूनी लड़ाई समाप्त हो गई है। यूरोपीय अदालत ने एसडब्ल्यूए के पक्ष में फैसला सुनाते हुए साफ किया है केवल स्काटलैंड में निर्मित व्हिस्की के लिए ही ग्लेन शब्द इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल वाल्डहार्न ने अपनी सिंगल माल्ट व्हिस्की को ग्लेन बुचेनबैक नाम दिया था, जिसके खिलाफ एसडब्ल्यूए ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

जर्मन डिस्टिलरी को अपनी स्काच व्हिस्की की बोतलों के लेबल पर ग्लेन शब्द का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए एसडब्ल्यूए ने 2013 में केस दर्ज किया था। उसका कहना था कि चूंकि ग्लेन शब्द का तात्पर्य स्काटिश ड्रिंक से होता है, इसलिए जर्मन डिस्टिलरी का ये कदम लोगों को भ्रमित कर सकता है। जिस प्रकार कोई व्हिस्की तब तक स्काच नहीं हो सकती, जब तक उसका उत्पादन स्काटलैंड में नहीं किया जाता। ठीक उसी प्रकार अब स्काच व्हिस्की के लेबल पर ग्लेन शब्द का इस्तेमाल केवल उसी सूरत में किया जा सकेगा, जब वो स्काटलैंड में तैयार की गई हो।

एसडब्ल्यूए के कानूनी मामलों के निदेशक ने एलन पार्क ने कहा कि हमने वैश्विक बाजारों में ऐसी शराब पर स्काटिश शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए लगातार कारवाई की है, जिनका स्काटलैंड से कोई संबंध नहीं है। हमारी ये कोशिश स्काटलैंड के नेशनल ड्रिंक की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और उन लोगों के लिए एक सबक है जो स्काच व्हिस्की की गुणवत्ता प्रतिष्ठा का लाभ उठाना चाहते हैं और संभावित रूप से उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं।

आक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार ग्लेनश् का अर्थ है स्काटलैंड या आयरलैंड की एक गहरी, संकरी घाटी। इसी कारण से अधिकांश स्काटिश व्हिस्की का नाम ग्लेन से शुरू होता है। इसके कुछ लोकप्रिय उदाहरण द ग्लेनलिवेट, ग्लेनमोरंगी और ग्लेनफिडिच हैं। यही वजह है कि स्काच व्हिस्की एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए) ने दूसरे देशों में बनने वाली शराब पर ‘ग्लेन’ के इस्तेमाल पर रोक के लिए अभियान चलाया हुआ है।

हर स्काच को व्हिस्की कहा जा सकता है, लेकिन हर व्हिस्की स्काच नहीं हो सकती। ऐसा इसलिए कि केवल स्काटलैंड में बनाई जाने वाली व्हिस्की ही स्काच व्हिस्की कहलाती है। इसके अलावा दोनों के बीच एक बड़ा अंतर इनके बनाए जाने के तरीके को लेकर भी है। आम व्हिस्की को ग्रेन मैश को फर्मेंटिंग करके बनाया जाता है। वहीं स्काच एक माल्ट व्हिस्की है, जो केवल माल्टेड बारले और पानी से बनाई जाती है। स्काच व्हिस्की का टेस्ट दूसरी व्हिस्की के मुकाबले ज्यादा अच्छा होता है।

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...