शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

शाबास इसरो तुम्हारे ऑर्बिटर ने तो कर दिया कमाल

शाबास! इसरो तुम्हारे ऑर्बिटर ने तो कर दिया कमाल



एजेंसी
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने को लेकर उसका प्रयास जारी है। दूसरी तरफ विक्रम से संपर्क स्थापित ना होने के बावजूद दुनिया भर की स्पेस एजेंसी इसरो की उपलब्धियों की प्रशंसा कर रही हैं। नेशनल एरोनॉटिकल एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन नासा ने भी इसरो का लोहा माना है। नासा ने एक बयान जारी कर इस रोको उसकी उपलब्धि के लिए शाबाशी दी है।
नासा के बयान से इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बुलंद हुआ है और उन्होंने अभी तक हिम्मत नहीं हारी है। इसरो के वैज्ञानिक नई रणनीति के तहत लैंडर से संपर्क साधने में जुट गए हैं।
7 सितंबर को चांद के इसरो का चंद्रयान-2 कैलेंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग नाकाम होने के 24 घंटों के भीतर दावा किया था कि आर्बिटल अंडर की तस्वीर लेने में सफल रहा है। इसरो ने आर्बिटर द्वारा ली गई तस्वीर को जारी भी किया था। उसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का आर्बिटर एलआरओ 17 सितंबर को लेंडर विक्रम के करीब से गुजरा था। एलआरओ विक्रम की तस्वीर लेने में भी सफल रहा।
उसके बाद नासा ने बयान जारी कर इसरो के दावे की पुष्टि भी की। नासा के वैज्ञानिक जॉन कैपलर ने कहा कि इसरो के आर्बिटर ने जिस समय लेंडर विक्रम की तस्वीर ली उस समय चांद पर शाम का समय था इसलिए तस्वीर धुंधली है।
केपलर ने कहा है कि अब हम अपने आर्बिटल से लिए गए तस्वीर पर वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। उसके बाद इसरो से एलआरओ की तस्वीर और उसके प्रमाणीकरण से संबंधित तथ्य साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि एलआरओ की तस्वीर का वैज्ञानिक विश्लेषण होने तक नासा ने तस्वीर जारी नहीं करने का निर्णय लिया है।
इसरो अपने आर्बिटर के जरिए अब वैज्ञानिक प्रमाण जुटाने में लगा है। साथ ही सॉफ्ट लैंडिंग विफल होने का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय समिति गठित कर दी है। इसरो ने दावा किया है कि आर्बिटर में कई और तथ्य जुटाए हैं जिसका अध्ययन वैज्ञानिक कर रहे हैं।


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