गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

दून हाट का लोकार्पण

दून हाट का लोकार्पण



पांच हस्तशिल्पियों को 'उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न' पुरस्कार
संवाददाता
देहरादून। हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए नावार्ड योजना के अन्तर्गत नव निर्मित दून हाट का लोकार्पण किया गया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में रोशनलाल सेमवाल उपाध्यक्ष यूएचएचडीसी मौजूद रहें।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित मुख्यमंत्राी त्रिवेन्द्र सिंह रावत दून हाट के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पारंपरिक परिधानों व उत्पादों को एक छत के नीचे लाया गया है। यहां उत्तराखण्ड के सभी हथकरघा और हस्तशिल्पियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। 
गता दें कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु दून हाट का शुभारम्भ किया गया है। नावार्ड के सहयोग से नवनिर्मित दून हाट को दिल्ली हाट की तर्ज पर एक ऐसे स्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य के स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ संस्कृति, कला एंव विशिष्टताओं से परिचित होने का अवसर मिल सकें।
दून हाट में स्थानीय उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु 14 स्टॉल/दुकानों का निर्माण किया गया है, जिसमें समय-समय पर राज्य के विभिन्न जनपदों के लघु उद्यमियों, बुनकर एवं शिल्पियों को स्थानीय उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। 
इस अवसर पर दून हाट में राज्य के शिल्पियों द्वारा विकसित किये गये विभिन्न उत्पादों की एक प्रदर्शनी 16 दिसंबर तक आयोजित की जा रही है, जिसमें विशिष्ट जनपदों के स्थानीय उत्पाद विपणन हेतु उपलब्ध होगें।
उत्तराखण्ड के अतिरिक्त अन्य प्रान्तों के उत्पादों के विपणन के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किये जाने हेतु दून हाट का वार्षिक कैलेण्डर तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से देश-विदेश के पर्यटक राज्य के स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ अन्य प्रान्तों द्वारा विकसित किये गये उत्पादों, कला एवं विशिष्टताओं से परिचित हो सकेंगें। 
स्थानीय उत्पादों एवं शिल्प को राज्य सरकार द्वारा बढावा दिये जाने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर भीमतला (चमोली), विण (पिथौरागढ़) एवं काशीपुर (ऊधमसिंहनगर) में भी नावार्ड के सहयोग से रूरल हाट स्थापित किये जा रहे हैं। 
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के परम्परागत शिल्प कला के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन हेतु पारम्परिक कला, संस्कृति की परम्परा को अक्षुण्य बनाए रखने एवं शिल्पियों की कल्पनाशीलता, योग्यता तथा कारीगरी को प्रोत्साहित करने एवं शिल्प क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले शिल्पियों को समुचित सम्मान दिये जाने हेतु 'उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरूस्कार' योजना के अन्तर्गत सिद्धहस्तशिल्पी को पुरूस्कार स्वरूप एक लाख की धनराशि, अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 हेतु चयनित पांच सिद्ध हस्तशिल्पियों को उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार 2018 भी दिया दिया गया। जिसमें ग्राम व पोस्ट ढालवाला टिहरी गढ़वाल निवासी श्रीमती बीना पुण्डीर, ऋषिकेश रोड़ चम्बा निवासी श्रीमती ऊषा नकोटी, पिथौरागढ़ निवासी किशन राम, रानीखेत अल्मोड़ा निवासी भुवन चन्द्र शाह एवं बागेश्वर निवासी ललिता प्रसाद शामिल हैं। पांच दिवसीय प्रदर्शनी में हिमाद्री के साथ ही उत्तराखण्ड के सभी जनपदों के हथकरघा एवं हस्तशिल्प के स्टॉल लगाये जायेंगे। 
इस अवसर पर मनीषा पंवार प्रमुख सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, सुधीर नौटियाल निदेशक उद्योग निदेशालय, शैली डबराल उपनिदेशक उद्योग निदेशालय, एमएस नेगी, अनुपम द्विवेदी, केसी चमोली आदि भी मौजूद रहे।


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