बुधवार, 22 अप्रैल 2020

स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने पर सात साल तक जेल, लगेगा भारी जुर्माना

स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने पर सात साल तक जेल, लगेगा भारी जुर्माना



एजेंसी
नयी दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संकट के दौरान कई जगहों से स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं। इस मामले पर केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। अब मेडिकल टीम पर हमला करने वालों को इसके लिए कड़ी सजा दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कान्प्रफेंस कर जानकारी दी कि आरोग्यकर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा। जावड़ेकर ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हमला करने वालों को 3 महीने से 5 साल तक सजा होगी।
जावड़ेकर ने बताया अगर स्वास्थ्यकर्मियों पर गंभीर हमला है तो हमलाकर्मी को 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा हमलावर को जुर्माना के रूप में 1 लाख से 5 लाख तक देना होगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया अगर स्वास्थ्यकर्मियों की गाड़ी को या क्लिनिक को कोई नुकसान पहुंचाता है तो उस स्थिति में हमला करने वालों से जो बाजार वेल्यू होगा उसका दोगुनी रकम उससे वसूला जाएगा।
जावड़ेकर ने बताया कि राष्ट्रीय महामारी कानून के तहत बदलाव करके अध्यादेश लागू किया जाएगा, जिसके तहत डाक्टरों पर हमला गैरजमानती अपराध होगा। 30 दिन में जांच पूरी होगी. एक साल में फैसला आ जाएगा और कड़ी सजा यानी 3 महीने से 5 साल कैद की सजा हो सकती है। 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मोदी सरकार ने पहले ही स्वास्थ्य कर्मियों के 50 लाख के इंश्योरेंस का फैसला किया था। देश में कोई भी कोविड अस्पताल नहीं था और अब 723 नये कोविड अस्पताल हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। जावडेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जायेगा।
इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा तथा उनके रहने एवं काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी। यह पूछे जाने पर क्या कोविड-19 के बाद भी नये बदलाव लागू रहेंगे, जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिये मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी शुरुआत है।


 


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