मोर्चा ने की खनन कारोबार को सरकारी एजेंसियों के हवाले करने की मांग
- रेत-बजरी बिक रहा सोने के दाम
- सरकार किसी की भी रही हो, सबने जनता को लूटा
- सरकारी संरक्षण/संलिप्तता के चलते जनता लुटने को मजबूर
- 7 हजार में जनता एक ट्राली रेत-बजरी खरीदने को मजबूर
- इन्हीं अवैध कारोबारों की वजह से बदमाश लेते हैं जन्म
- गरीब को एक छोटा सा आशियाना बनाना हो रहा मुश्किल
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार/नेताओं की संलिप्तता के चलते प्रदेश में खनन कारोबार काला सोना कारोबार जैसा बन गया है। आलम यह है कि एक ट्रैक्टर ट्राली रेत-बजरी 5000-7000 रूपये में जनता को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है, जबकि राजस्व के नाम पर सरकार को 200- 400 रूपये भी नसीब नहीं हो रहा है।
नेगी ने कहा कि फर्जी रवन्नो/भंडारण/खनन पट्टों/क्रेशर की आड़ में नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से यह कारोबार सबसे अच्छा एवं अत्याधिक मुनाफा देने वाला कारोबार बन गया है। प्रदेश की जनता इन माफियाओं के हाथों लूटने को मजबूर है, लेकिन सरकार को सिर्फ और सिर्फ इन कारोबारियों की चिंता है, जनता की नहीं। इन्हीं अवैध कारोबार की वजह से नेताओं एवं बदमाशों-माफियाओं का गठजोड़ विकास दुबे आदि जैसे बदमाश पैदा करता है।
नेगी ने कहा कि वर्ष 2006 से भारत सरकार के ईआईए नोटिफिकेशन के पश्चात इस कारोबार में अप्रत्याशित वृद्वि हुई। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि खनन कारोबार को सरकारी एजेंसी के हवाले करें जिससे जनता को सही मूल्य पर खनिज सामग्री उपलब्ध हो एवं सरकार को भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति हो।