सोमवार, 14 सितंबर 2020

पशुओं के आधार कार्ड बनने शुरू

पशुओं के आधार कार्ड बनने शुरू



क्या है पूरी स्कीम और कैसे होगा किसानों को फायदा?
प0नि0डेस्क
देहरादून। इंसानों के लिए आधार कार्ड बनवाना जरूरी है लेकिन अब पशुओं के लिए भी आधार कार्ड महत्वपूर्ण होगा। पशुओं के आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ई-गोपाला ऐप की शुरूआत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशु आधार नंबर का जिक्र किया। जिसके जरिए जानवरों के बारे में सभी जानकारियां हासिल की जा सकेंगी।
देशभर में पशुओं की टैगिंग शुरु हो चुकी है। हर गाय व भैंस के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया जा रहा है। इसके जरिए पशुपालक घर बैठे अपने पशु के बारे में साफ्रटवेयर के जरिए जानकारी ले सकेंगे। आधार कार्ड के जरिए टीकाकरण, नस्ल सुधार कार्यक्रम, चिकित्सा सहायता सहित अन्य काम आसानी से हो पाएंगे।
भारत में पशुधन की जानकारी से संबंधित एक विशाल डेटाबेस बनाया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि पशुधन के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाई जाए। केंद्रीय पशुपालन विभाग के मुताबिक अगले डेढ़ साल में लगभग 50 करोड़ से अधिक मवेशियों को उनके मालिक, उनकी नस्ल एवं उत्पादकता का पता लगाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म पर यूनिक आईडी दी जाएगी।
आधार नंबर के लिए मवेशियों के कान में 8 ग्राम के वजन वाला पीला टैग लगाया जाएगा। इसी टैग पर 12 अंकों का आधार नंबर चस्पा होगा। कहा जा रहा है कि अभी करीब 4 करोड़ गाय, भैंसों का आधार कार्ड बनाया गया है जबकि देश में 30 करोड़ से अधिक गाय, भैंस हैं। अभियान चलाकर इनकी टैगिंग की जाएगी।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। एक सर्वे के अनुसार साल 2018 में 176.3 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ। विश्व के कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 20 पफीसदी है। 20 वीं पशुधन गणना के अनुसार देश में गायों की कुल संख्या 145.12 मिलियन आंकी गई है। जो 2012 में की गई गणना की तुलना में 18.0 प्रतिशत अधिक है।
भारत में रोजाना करीब 50 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है। इसमें से लगभग 20 फीसदी संगठित और 40 फीसदी असंगठित क्षेत्र खरीदता है। लगभग 40 फीसदी दूध का इस्तेमाल किसान खुद करता है।
यूपी, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं कर्नाटक भारत के सबसे बड़े दूध उत्पादक राज्य हैं। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के मुताबिक 2018-19 में भारत में प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की औसत उपलब्धता 394 ग्राम थी। जिसमें हरियाणा सबसे आगे है जहां प्रति व्यक्ति औसत दूध 1087 ग्राम है।


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