मंगलवार, 2 मार्च 2021

कोरोना लाकडाउन में एनएसएस स्वयंसेवियों द्वारा किए कार्याे के आधार पर हो पासः डा0 सोनी

 कोरोना लाकडाउन में एनएसएस स्वयंसेवियों द्वारा किए कार्याे के आधार पर हो पासः डा0 सोनी



देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना से जहां दुनियां प्रभावित हुई हैं वही लाकडाउन के कारण विद्यालय भी बंद रहे हैं जिसका सीधा प्रभाव बच्चों के पठन पाठन पर पड़ा है लेकिन लाकडाउन में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों द्वारा गरीबांे को राशन बांटना, गांव में सेनेटाइजर का छिड़काव करना, वृद्व व अकेले रह रहे लोगो की सहायता करना, मास्क का वितरण तथा रक्तदान जैसा सराहनीय कार्य किये है। ऐसे में एनएसएस स्वयंसेवियों को बी व सी प्रमाण पत्र की परीक्षा न कराकर स्वयंसेवियों द्वारा किए कार्यों के आधार पर उत्तीर्ण करने की मांग की गई हैं।

इस संबंध में छात्रहितों व पर्यावरण के क्षेत्र में लंबे समय से कार्य कर रहे पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी का कहना है जुलाई 2020 में परिषदीय परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया हैं और कक्षा 12 में पढ़ने वाले बच्चे कोई पढ़ाई के लिए गांव से बाहर चले गए हैं तो कोई रोजगार के तलाश में तथा कई बालिकाओं की शादी हो गई हैं। ऐसे में एनएसएस की जो बी व सी प्रमाण पत्र की परीक्षाएं कराई जा रही हैं उसमें अधिकतर बच्चे अनुपस्थित रहेंगे क्योंकि इसमें बहुत लंबा समयांतराल हो गया है। ऐसे में जो बच्चे परीक्षा में सम्मिलित नही हो पाते हैं उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जबकि कई विद्यालयों व विश्वविद्यालयों ने अपने छात्रों को बिना परीक्षा दिलाये उत्तीर्ण किए है। ऐसे फैसले छात्रहित में माध्यमिक शिक्षा विभाग को भी लेना चाहिए क्योंकि हमारे माध्यमिक विद्यालयों में 12वीं पास करने के बाद बच्चे पढ़ाई व रोजगार के तलाश में गांव से बाहर चले जाते हैं। अतः एनएसएस की बी व सी प्रमाण पत्र की परीक्षा में बहुत कम छात्र सम्मलित हो पायेंगे।

डा0 सोनी ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवियों द्वारा कोरोना काल लाकडाउन में जो सराहनीय कार्य किए हैं उन कार्यों के आधार पर उन्हें उत्तीर्ण किया जाये। इस संबंध में माह जुलाई 2020 में राज्य एनएसएस अधिकारी उत्तराखंड, क्षेत्रीय निदेशक युवा कल्याण भारत सरकार, अध्यक्ष/शिक्षा निदेशक तथा सचिव विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर को सुझाव पत्र द्वारा अवगत कराया गया कि 12वीं पास होने से छात्र-छात्राएं विद्यालय व गांव से बाहर चले गए हैं और कई बालिकाओं की अन्यत्र गांव में विवाह हो गया हैं। ऐसे में उन्हें बुलाना सम्भव नही है। एनएसएस के स्वयंसेवियों द्वारा लाकडाउन में किए कार्याे के आधार पर उन्हें पास किया जाए। लेकिन उन सुझावांे पर कोई कार्यवाही न करके पेपर कराएं जा रहे हैं जो छात्रहित में नही है। ऐसे में पुनः विद्यालयी शिक्षा परिषद कार्यालय को जो बच्चे स्कूल से पास होकर चले गए, जिन बालिकाओं की शादी हो गई हैं, उनके हितांे को देखते हुए जो सुझाव पत्र डा0 सोनी ने दिए हैं उन पर पुनः विचार करना चाहिए ताकि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों को बी व सी प्रमाण पत्र का लाभ मिल सके।


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