वनकर्मियों को सुविधाओं से लैस करे सरकार: मोर्चा
- वनकर्मियों के पास टॉर्च, वर्दी, जूता व अन्य सुविधाओं का अभाव
- कर्मचारियों को जूझना पड़ता है आग बुझाने के काम में - प्रतिवर्ष आग बुझाने के नाम पर अधिकारियों द्वारा बजट को लगाया जाता ठिकाने पर
- फायर सीजन में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भारी संख्या में हो तैनाती
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रतिवर्ष आग लगने के कारण हजारों हेक्टेयर वन संपदा जलकर खाक हो जाती है, लेकिन आज तक भी कोई पुख्ता इंतजाम सरकार द्वारा नहीं किए गए।
आग बुझाने के नाम पर जो बजट आवंटित किया जाता है, वह एक तरह से अधिकारियों का पैकेज होता है। नेगी ने हैरानी जताई कि वनों की आग बुझाने में तैनात कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं यथा जूते, टॉर्च, ड्रेस- कपड़े व अन्य सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई जाती, जिस कारण उनको अपने संसाधनों से ही जूझना पड़ता है। दुर्गम पहाड़ियों तथा खाईयों में स्थित वनों की आग बुझाने में कर्मचारियों को अपनी जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाना पड़ता है।
ँआग लगने की घटनाओं में अब तक लगभग एक हजार के करीब घटनाएं घटित हुई हैं तथा लगभग 1300 हेक्टेयर जंगल खाक हो चुके हैं, जोकि निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।
नेगी ने कहा कि आग लगने की घटनाएं प्रतिवर्ष घटित होती हैं, बावजूद इसके सरकार द्वारा आज तक कोई पुख्ता/ उच्च तकनीक का इंतजाम नहीं किया गया, जिस कारण वन संपदा के साथ वन्य जीव-पक्षियों तथा पर्यावरण का भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इंद्रदेव के भरोसे न बैठकर कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाओं से लैस कर उच्च तकनीक इजाद करे।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजय राम शर्मा, दिलबाग सिंह, आदि मौजूद थे।