मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

लंबी दूरी तय करने वालों के लिए ई-स्कूटर ज्यादा उपयोगी नहीं

 इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान



लंबी दूरी तय करने वालों के लिए ई-स्कूटर ज्यादा उपयोगी नहीं 

प0नि0डेस्क

देहरादून। बढ़ती तेल की कीमतें और वायु प्रदूषण को देखते हुए आटोमोबाइल कंपनियों ने इलेक्ट्रिक बाइक, स्कूटर और कार बनाने की शुरुआत की है ताकि लोगों को तेल की कीमतों और वायु प्रदूषण दोनों से निजात मिल सके।

अगर आप इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का मन बना रहे हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे हैं तो कुछ ऐसे टिप्स हैं जिनको जानने के बाद आप जरूरत को देखते हुए अपनी पसंद का ई-स्कूटर खरीद सकेंगे जो सेहत और जेब के बजट दोनों में फिट बैठता है। 

मार्केट में तमाम कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर मौजूद हैं जिनकी रेंज 30 हजार से लेकर 1.50 लाख रुपये तक है। इन इलेक्ट्रिक स्कूटरों में हर तरह की लेटेस्ट टेक्नोलाजी मिल जाएगी लेकिन अपने बजट को देखते हुए तय कीजिए की किस कंपनी का स्कूटर बजट में आ रहा है।

सबसे पहले खुद से ये सवाल कीजिए कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की कितनी जरूरत है। पड़ोसी को देखकर या लगातार लान्च हो रहे ई-स्कूटर को देखकर इनको खरीदने का मन मत बनाइए। पहले देखिए की घर से अपने आफिस और दूसरी जगह पर कितनी दूरी तय करते हैं। क्योंकि ज्यादा दूरी होने पर ई-स्कूटर बेहतर आप्शन साबित नहीं होगा। इसके अलावा ई-स्कूटर को प्रतिदिन चार्ज कहां और कैसे कर सकेंगे। 

ई-स्कूटर में माइलेज का मतलब होता है एक बार चार्ज करने पर स्कूटर कितने किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इसलिए कोई भी ई-स्कूटर लेने से पहले उसकी माइलेज पर ध्यान जरूर दें। कंपनी के दावे पर आंख बंद कर भरोसा न करें। हो सके तो टेस्ट ट्राइव लें या थोड़ी मेहनत कर सकें तो उन ग्राहकों से बात करने की कोशिश करें जो ये स्कूटर यूज कर रहे हैं। तब उस ई-स्कूटर की असली माइलेज का पता चल सकेगा।

पेट्रोल बाइक में उसका मुख्य हिस्सा है इंजन, उसी तरह इलेक्ट्रिक स्कूटर में उसका मुख्य अंग उसकी बैटरी होता है। इसलिए ई-स्कूटर खरीदने से पहले उसकी बैटरी के बारे में पूरी जानकारी लें। जैसे बैटरी कितने वाट क्षमता वाली है, बैटरी वाटरप्रूफ है या नहीं, शाकप्रूफ है या नहीं और रिप्लेसमेंट के लिए क्या शर्तें हैं।

अक्सर देखने में आता है कि ग्राहक के ई-स्कूटर की बैटरी कुछ ही महीनों में खराब हो जाती है। जिसके बाद कंपनी में भी कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसी सूरत में ग्राहक को हजारों रुपये खर्च कर नई बैटरी लेनी पड़ती है।

कोई भी ई-स्कूटर खरीदने से पहले उसकी सर्विस का ध्यान रखेंगे तो भविष्य में परेशान नहीं होना पड़ेगा। पेट्रोल बाइक के लिए गली नुक्कड़ पर मकैनिक मिल जाएगा लेकिन इलेक्ट्रिक स्कूटर का कानसेप्ट नया होने के चलते न तो इसके मकैनिक आसानी से नहीं मिलेंगे और न सर्विस सेंटर। इसलिए बेहतर होगा कि स्कूटर लेने से पहले अपने एरिया में उसका सर्विस सेंटर, कंपनी द्वारा ई-स्कूटर के अंदरूनी और बाहरी पुर्जों पर दी जाने वाली वारंटी या गारंटी की शर्तों को ध्यान से समझ लें।


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