गुरुवार, 20 मई 2021

कम दबाव आक्सीजन गैस को तरल आक्सीजन में बदलने का खोजा फार्मूला

कम दबाव आक्सीजन गैस को तरल आक्सीजन में बदलने का खोजा फार्मूला



भारतीय सेना के इंजीनियरों द्वारा आक्सीजन को कुशलतापूर्वक रूपांतरित करने का समाधान खोजा

एजेंसी

नई दिल्ली। कोविड की दूसरी लहर के विरुद्व आक्सीजन और आक्सीजन सिलेंडरों की मांग में तेजी को पूरा करना बेहद अहम हो जाता है। चूंकि क्रायोजेनिक टैंकों में आक्सीजन को तरल रूप में स्थानांतरित किया गया, इसलिए तरल आक्सीजन गैस का इस्तेमाल की जाने वाली आक्सीजन में त्वरित रूपांतरण तथा रोगियों के बिस्तर पर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना कोविड रोगियों का प्रबंधन कर रहे अस्पतालों के सामने एक बड़ी चुनौती था।



मेजर जनरल संजय रिहानी के नेतृत्व में सेना के इंजीनियरों की टीम ने इस चुनौती का समाधान खोजने की पहल की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि गैस सिलेंडरों के उपयोग के बिना आक्सीजन उपलब्ध हो, इस नवाचार के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन किया गया और गैस सिलेंडर बार-बार भरने की जरूरत को समाप्त किया गया।

सात दिनों से भी अधिक समय तक सीएसआईआर और डीआरडीओ के साथ सीधे परामर्श से वैपोराइजर्स, पीआरवी और तरल आक्सीजन सिलेंडरों का उपयोग करते हुए समाधान को खोजा गया। कोविड रोगी के बिस्तर पर अपेक्षित दबाव और तापमान पर तरल आक्सीजन के आक्सीजन गैस में निरंतर रूपांतरण को सुनिश्चित करने के लिए टीम ने छोटी क्षमता ;250 लीटरद्ध के स्वतः दबाव डाल सकने वाले तरल आक्सीजन सिलेंडर को विशेष रूप से डिजाइन किए गए वैपोराजर और सीधे उपयोग करने योग्य आउटलेट दबाव (4 बार) के माध्यम से अपेक्षित लीक प्रूफ पाइपलाइन और प्रेशर वाल्व के साथ संसाधित किया।

40 कोविड बिस्तरों हेतु दो से तीन दिन की अवधि तक आक्सीजन गैस प्रदान करने में सक्षम दो तरल सिलेंडर वाले प्रोटोटाइप को दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में क्रियाशील किया गया है। टीम ने अस्पतालों में रोगियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मोबाइल संस्करण का भी परीक्षण किया है। यह प्रणाली आर्थिक रूप से व्यवहार्य है और उपयोग में सुरक्षित है क्योंकि यह पाइपलाइन या सिलेंडरों में उच्च गैस दबाव को दूर करती है और इसे संचालित करने के लिए बिजली की आपूर्ति की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह प्रणाली अनेक स्थानों पर लगाने के लिए शीघ्रतापूर्वक तैयार की जा सकती है।

यह नवाचार जटिल समस्याओं के सरल और व्यावहारिक समाधान लाने में अभिनव समाधानों को बढ़ावा देने के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्वता का एक और उदाहरण है। सेना कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में राष्ट्र के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ी है।


अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।

माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...