रविवार, 5 दिसंबर 2021

नागालैंड में सेना की गोलाबारी में 13 नागरिकों की मौत, 1 जवान शहीद

 नागालैंड में सेना की गोलाबारी में 13 नागरिकों की मौत, 1 जवान शहीद



मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने घटना की एसआईटी जांच के आदेश दिए 

एजेंसी

कोहिमा। भारत के उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड में उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 13 गांववालों की मौत हो गई है। घटना में असम राइफल्स का एक जवान भी शहीद हुआ है। यह घटना मोन जिले के तिरू गांव में तब हुई जब सुरक्षा बलों ने इन लोगों को एनएससीएन का संदिग्ध उग्रवादी समझा। गोलीबारी की इस घटना के बाद स्थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए और प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना है कि ये युवा निर्दाेष थे। वे पास की कोयला खदान से घर वापस आ रहे थे।

इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री नेपिफयू रियो ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील भी की है। जानकारी के अनुसार घटना से नाराज लोगों ने सुरक्षा बलों के कुछ वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें कुछ और लोगों को गोली लगने की बात सामने आ रही है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी एसआईटी से जांच कराने की बात कही है।

सूत्रों अनुसार सुरक्षा बलों को म्यांमार की सीमा से लगे मोन जिले में आतंकवाद के खिलाफ अभियान के लिए तैयार किया गया था। उग्रवादियों की संभावित गतिविधि की सूचना मिलने के बाद उन्होंने ओटिंग गांव के पास घात लगाकर हमला किया था। पुलिस सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने तिरू-ओटिंग रोड पर एक वाहन पर गोलियां चला दीं, जिसमें ग्रामीण जा रहे थे। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 6 ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई, दो की बाद में अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।

घटना से गुस्साए गांववालों ने सुरक्षा बलों को घेर लिया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि भीड़ पर आत्मरक्षा के लिए की गई राउंड की गोलीबारी में 5 ग्रामीणों की मौत हो गई और 6 घायल हो गए, एक जवान भी शहीद हुआ है। सुरक्षा बलों के 3 वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। असम राइफल्स के बयान के मुताबिक नागालैंड के मोन जिले के तिरू गांव में उग्रवादियों की आवाजाही का विश्वसनीय तौर पर खुफिया इनपुट मिला था। इसके आधार पर खास आपरेशन चलाए जाने की योजना तय हुई थी। बयान में यह भी कहा गया है कि मौत के मामले की जांच उच्च स्तर पर कोर्ट आफ इंक्वायरी के जरिये होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

असम राइफल्स ने कहा है कि उग्रवादियों के खिलाफ इस अभियान के दौरान हुई घटना में सुरक्षाबल के कई जवान भी घायल हुए हैं, इनमें से एक जवान शहीद भी हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि नागालैंड के ओटिंग, मोन में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दुखी हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की पूरी जांच करेगी ताकि शोकाकुल परिवारों को न्याय मिल सके।

नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो ने कहा कि मोन जिले के ओटिंग में नागरिकों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद निंदनीय है। शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। इस मामले में उच्च स्तरीय एसआईटी जांच करेगी और कानून के अनुसार न्याय दिलाएगी। सूत्रों के अनुसार नागलैंड के मुख्यमंत्री दिल्ली में थे। घटना के बाद वह वापस आ गए हैं और उनके मंत्रिमंडल की बैठक होने की संभावना है। अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए मोन जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

मोन क्षेत्र नागा समूह एनएससीएन (के) और उल्फा का गढ़ है और यह घटना राज्य के हार्नबिल फेस्टिवल से पहले की है, जिसमें कई राजनयिक शामिल होंगे जो पहले से ही इस क्षेत्र में हैं। घटना में मरने वाले ग्रामीण कोन्याक समुदाय से थे। उनके परिवारों ने कहा कि उन्होंने हार्नबिल महोत्सव में किसी भी तरह की भागीदारी से दूर रहने का फैसला किया है। 6 अन्य आदिवासी समूहों ने भी कहा कि वे उत्सव में भाग नहीं लेंगे।


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