सोमवार, 11 अप्रैल 2022

रोजगारोन्मुख शिक्षा दिए जाने एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास जरूरीः स्पीकर

 रोजगारोन्मुख शिक्षा दिए जाने एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास जरूरीः स्पीकर 



संवाददाता

गुवाहाटी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने असम विधान सभा गुवाहाटी में दो दिवसीय 8वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने भी प्रतिभाग किया। सम्मेलन में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, सीपीए कार्यवाहक अध्यक्ष इयान लिडेल-ग्रिंगर, राज्य विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बिरला ने कहा कि विधायिका की मूल जिम्मेदारी लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करना है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि समाज के आकांक्षी वर्गों की जरूरतों  को मद्देनजर रखते  हुए गहन बहस और चर्चा के बाद कानून बनाए जाएं। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में युवाओं और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए बिरला ने कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक लोकतांत्रिक संस्थाओं को युवाओं और महिलाओं को नीति निर्माण के केंद्र में रखना चाहिए। 

8वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (भारत क्षेत्र) सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों ने  सम्मेलन के विषय ‘समाज के स्पष्ट वर्गों के लिए विकास के परिणाम को अनुकूलित करने में मदद करने के लिए विधायी निरीक्षण को मजबूत करना’ पर चर्चा की। दो दिवसीय सम्मलेन के दौरान प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किए गए।

इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि युवाओं में प्रारंभ से ही लोकतांत्रिक एवं संसदीय संस्कार प्रदान किए जाए तो निश्चित रूप से एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण संभव होगा। खंडूडी ने कहा कि हमारा ध्यान इस बात पर केंद्रित होना चाहिए कि युवाओं को आर्थिक व सामाजिक आधार, राजनीतिक इच्छाशक्ति, उपयुक्त साधनों का आवंटन, शक्ति व लोकतंत्र से परिपूर्ण स्थिर वातावरण व सकारात्मक मूल्य के प्रति संवेदनशील बनाने में अध्यापकों तथा अभिभावकों के साथ ही सरकार तथा सरकार के संबंधित विभागों द्वारा उन्हें विभिन्न स्तरों पर अधिकाधिक मंचों में भागीदार बनाए।

भारत के मजबूत और जीवंत लोकतंत्र का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय लोकतंत्रा अन्य लोकतांत्रिक देशों के लिए एक मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) दुनिया में लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है।

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